क्या आपको ये पल याद है? 23 साल से कैसे बना रहा भारतीय क्रिकेट का सबसे यादगार पल!

Sourav Ganguly NatWest Trophy 2002 shirt wave

सौरव गांगुली ने NatWest Series 2002 में शर्ट क्यों लहराया?

NatWest Series 2002 के फाइनल में सौरव गांगुली का लॉर्ड्स की बालकनी में शर्ट लहराना क्यों बना भारतीय क्रिकेट इतिहास का यादगार पल? जानिए इस ऐतिहासिक पल की पूरी कहानी।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई ऐसे क्षण आये हैं जो कभी भुलाए नहीं जा सकते। उनमें से एक है – 13 जुलाई 2002 का वो दिन जब सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर इतिहास रच दिया था।

यह सिर्फ एक जीत का जश्न ही नहीं था, बल्कि भारतीय क्रिकेट की नई सोच और आत्मविश्वास का प्रतीक था।

क्या हुआ था नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 के फाइनल में?

नेटवेस्ट ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला इंग्लैंड और भारत के बीच खेला गया था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 325 रन 5 विकेट खो कर बनाये थे।

जो उस समय के हिसाब से बहुत बड़ा स्कोर था। भारत की शुरुआत शानदार रही लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता रहा, मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज़ों के विकेट जल्दी गिरने लगे और मैच भारत के हाथ से निकलता दिख रहा था।

लेकिन फिर आए युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ, जिन्होंने जबरदस्त साझेदारी करते हुए भारत को जीत के करीब पहुंचाया। अंत में मोहम्मद कैफ के 87 रन की शानदार पारी के दम पर भारत ने 2 विकेट से यह मैच जीत लिया था।

सौरव गांगुली का वो ऐतिहासिक जश्न

जैसे ही भारत ने रन चुराकर मैच को जीता वैसे ही कैमरा सीधे लॉर्ड्स की बालकनी की तरफ मुड़ा और वहां खड़े कप्तान सौरव गांगुली पूरे जोश के साथ अपनी शर्ट उतारकर हवा में लहराई।

यह दृश्य भारतीय फैंस के लिए गर्व और खुशी का प्रतीक बन गया और एक हमेश याद करने वाले पल बन गया।

क्यों था यह पल इतना खास?

कई वजह थी इस पल को ख़ास बनाने में:

  • भारतीय टीम के आत्मविश्वास की जीत: इस जीत से पहले शायद ही भारत ने कोई सीरीज भारत की धरती से बहार जीती हो। इस जीत के बाद दिखा कि भारत अब विदेश में भी जीत सकता है और खुलकर जश्न मना सकता है।
  • इंग्लैंड को जवाब: सालों पहले इंग्लैंड के खिलाड़ी Andrew Flintoff ने भारत में मैच जीतकर ग्राउंड पर ही शर्ट उतार कर जश्न मनाने लग गए थे। ये माना गया की गांगुली ने भी जवाब देने के लिए शर्ट उतार कर जश्न मनाया था।
  • नई सोच की शुरुआत: गांगुली ने एक कप्तान के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम को आक्रामक और आत्मविश्वासी टीम में बदला जो किसी भी धरती पर जा कर जीत सकती थी।

गांगुली ने क्या कहा था बाद में?

सौरव गांगुली ने एक इंटरव्यू में खुद कहा था कि उनका यह जश्न एक “इमोशनल रिएक्शन” था।

उन्होंने बताया कि वह अपने खिलाड़ियों के लिए बेहद गर्व महसूस कर रहे थे और यह उनकी खुशी जाहिर करने का एक तरीका मात्र था।

अंत में:

NatWest Series 2002 का यह पल आज भी हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के दिल में बसा हुआ है। ऐसा लगता है की यह कल ही की बात हो।

यह केवल एक जीत नहीं थी बल्कि यहा से भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई दिशा की शुरुआत हुई। सौरव गांगुली का शर्ट लहराना प्रतीक बना उस नयी पीढ़ी के लिए , जो अब दबकर नहीं बल्कि लड़कर और जीतकर दिखाना जानती है।

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